एक कहानी ऐसी भी जो आपके दिल को छू ले

यह कहानी किसी व्यक्ति पर आधारित नहीं है। मैं किसी इंसान को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता, तो चलिए शुरू करते हैं। आपको यह कहानी ध्यान और मन से पढ़नी होगी, फिर उसके बाद आपको कुछ और ही फीलिंग मिलेगी।

यह कहानी शुरुआत होती है एक छोटे से गाँव से, जो कि बहुत ही गरीब और पिछड़ा गाँव है। वहाँ पर सभी लोग एकजुट रहते हैं, उस गाँव में कोई विद्यालय नहीं थी। उस गाँव के लोग दूसरे गाँव में पढ़ने जाया करते थे और वहीं से अपना शिक्षा प्राप्त करते थे। उस गाँव में एक परिवार था जो बिल्कुल सबसे अलग था, जो कि पूरे परिवार दुखी रहते थे क्योंकि उनका परिवार बहुत बड़ा था और उतनी आमदनी नहीं थी। और वो धीरे-धीरे कर्ज में जाने लगे। तब उनके घर का एक बेटा जिसका नाम श्याम था, जो कि उसे बाहर नौकरी करने जाने के लिए मन बना लिया था क्योंकि उसे पता था कि जब तक बाहर नौकरी करने के लिए नहीं जाएंगे तब तक मेरे घर की हालत नहीं सुधरेगी। और एक दिन ऐसा आता जब वह अपने घर में बाहर नौकरी करने जाने की बात करता है, तभी उसके घर वाले ऐसे देखने लगते हैं जैसे उसने किया ही बोल दिया है, और तभी उसके पिता जी कुछ ऐसा बोले जिससे श्याम का होश ही उड़ गया और वह निराश हो गया। उसे मन ही मन पूरा दुखी रहने लगा। उसके घर में एक बात को बार-बार बोलता लेकिन उसके घर वाले एक बात बोलते हैं, “तुझे कहीं बाहर नौकरी करने जाने की जरूरत नहीं है”। इस पर भी श्याम शहर जाने का मन बनाये रखता है क्योंकि उसे पता था कि जब तक हम शहर नहीं जाएंगे तब तक घर की परेशानी बढ़ती रहेगी और घर वाले हमेशा दुखी ही रहेंगे। तभी श्याम मन बना लेता है कि हमको किसी भी तरह से शहर जाना ही पड़ेगा। और वह कुछ ही दिनों बाद जब रात में घर के सभी लोग सोए रहते हैं, तभी श्याम की नींद खुलती है और वह मन ही मन शहर भागने के लिए सोचने लगता है और वह काफी देर सोचने के बाद शहर भागने का फैसला कर लेता है और उसी रात को शहर के लिए घर से निकल जाता है और उस वक्त शहर जाने के लिए उसके पास एक रुपया भी नहीं था और वह पैदल ही शहर के लिए निकल जाता है। कुछ दिन पैदल चलने के बाद श्याम एक शहर में पहुँचता है जहाँ वह बिल्कुल अनजान था, वह बिल्कुल अकेला पड़ गया और नई जगह उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। तभी वह एक आदमी के पास जाता है और उससे कुछ खाने के लिए मांगता है क्योंकि उसे पैदल चल कर शहर आने काफी समय लगा था उतने दिनों से उसने कुछ नहीं खाया था इसलिए उस आदमी के पास खाने के लिए मांगता। तब वह आदमी उसे भगा देता है और इसी तरह शहर में भूखे और प्यासे भटकते रहते। तभी उसे एक ऐसा आदमी मिलता है और उसे अपने साथ खाने के लिए अपने घर ले जाता है। और जो आदमी लेगया उसे पे भी गाँव का ही रहने वाला था इसलिए उसे अपने साथ अपना घर पे ले गया और उस आदमी उस जगह पर कुछ बना कर रखा था उसे खाने के लिए सबसे पहले दिया और उसके बाद उसे आराम करने के लिए कहा और वह आदमी ओहा से कंपनी के लिए निकल गया क्योंकि उ रूम पर सिर्फ़ खाना खाने के लिए आया था अब श्याम मिल गया। और श्याम उसके घर में ही सो जाता है। श्याम को काफी देर सोने के बाद उसका दोस्त जो अपने घर उसे लाया था भी कंपनी से घर आ चुका था। और श्याम से उसके बारे में पूछने लगा तब श्याम उसे अपने घर के बारे में पूरी कहानी बताई घर की कहानी श्याम की घर की कहानी सुनकर उसके दोस्त की आँखों में आंसू आ गया और उस दोस्त ने उसे रहने के लिए अपने घर में जगह दे दी और बोला तू भी अपने लिए काम ढूँढ़ और मैं भी तेरे लिए काम ढूँढ़ता हूँ उसके उसके बाद दोनो मिलकर काम ढूँढ़ने लगते हैं लेकिन शहर में कोई काम ही नहीं मिल रहा था और काफी दिनों तक दोनो परेशान हो रहे थे लेकिन काम मिलने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसके बाद धीरे-धीरे श्याम का मन पूरा उदास हो गया और उसे घर की याद आने लगी और वह बातें श्याम ज्यादा सोचता था जो उसके पिता जी ने बोली थी शहर नहीं जाने के लिए। और कई बातें सोच कर परेशान हो रहा था जैसे घर वालों से अचानक दूर हो जाने ग़म में डूबे जा रहा था और उसके बाद उसके नौकरी का सपना टूटने लगता है और वह अब अपने दोस्त से गाँव जाने के बारे में भी सोचने लगता है और सोचते सोचते एक दिन अपने दोस्त से बोल ही देता है कि मैं अब यहाँ नहीं रहूंगा मैं अपना गाँव जा रहा हूँ तब उसका दोस्त काफी देर सोचने के बाद उसे घर जाने की इजाज़त दे देता है और वह अगले दिन घर निकलने वाला होता है। जब सुबह हुई तो उसका दोस्त हर दिन की तरह उस दिन भी खाना बनाकर वह अपने दोस्त श्याम से मिलकर बात करता है और बोलता है श्याम को खाना खा कर गाँव जाने के लिए साथ में कुछ अपने पास रख लेने के लिए क्योंकि गाँव काफी दिनों का सफ़र था श्याम रास्ते में भूखा न जाए इसलिए खाना रख लेने के लिए कहता है और उसके गले मिलता है और बढ़ियाँ से जाने के लिए बोलकर उसका दोस्त कंपनी के लिए निकल जाता है और श्याम भी घर जाने की तैयारी में लग जाता है। कुछ समय बाद खाना खा कर रास्ते में भी लेने के लिए रख लिया था। और अपने दोस्त के घर से बाहर कुछ ही दूर गया था तभी उसका दोस्त कंपनी से भागते हुए आया तो देखा घर में श्याम हैं ही नहीं तभी वह अपने दोस्त को ढूंढने के लिए वह भी निकल जाता है और कुछ ही दूर निकलने के बाद उसका दोस्त श्याम पैदल घर जाते हुए रास्ते में दिख गया और उसका दोस्त उसके पास भागते हुए जाता है और उसे अपने साथ फिर से घर जाने के लिए बोला क्योंकि उसने अपने दोस्त श्याम के लिए काम मिल गया था। जब ये बात उसके दोस्त श्याम को बताई तो वह खुशी से चेहरा अलग हो गया था उस समय उसका चेहरा देखने के लायक बन गया था क्योंकि उसने सोचा था कि उसके दोस्त का कितना भला मन है उसने उसके लिए काम ढूँढ़ा और जब उसने काम ढूँढ़ा तो उसको काम भी मिल गया। उसके बाद दोनो अपने घर निकल जाते हैं

श्याम ने रात को अगले दिन के काम पर जाने के बारे में सोचना शुरू किया। वह क्या काम करेंगे, इसके बारे में सोचते सोचते सो गया और सुबह होते ही नहा-धोकर तैयार हो गया। उसका दोस्त उसे कंपनी के साथ जाने के लिए बुलाता है और दोनों साथ में कंपनी जाते हैं।
कंपनी पहुंचने के बाद श्याम को काम बताया जाता है और उसे काम करने के लिए बोला जाता है। श्याम ने कुछ दिनों तक काम किया लेकिन फिर उसे महसूस होने लगा कि वहाँ का काम उसे पसंद नहीं आ रहा है। अचानक उसे कठिन काम मिलता है और उसे नहीं करने पर कंपनी उसे बातें सुनाती है। उसका मन फिर से टूटने लगा।
उसने लगभग एक महीने काम किया और फिर कंपनी छोड़ दी। जब उसे पैसे मिले, तो वह खुश हुआ क्योंकि यह उसकी पहली कमाई थी। उसने पहले खाने के लिए कुछ पैसे खर्च किए और फिर अपने लिए कपड़े खरीदने गया।
उसका दोस्त उसे कुछ और दिन काम करने के लिए कहता है, लेकिन श्याम नहीं मानता। उसने दूसरे शहर जाने का फैसला किया और तैयारी शुरू की। उसका दोस्त उसे स्टेशन छोड़ने गया और वह दुखी था क्योंकि उसे लगा कि दूसरे शहर में भी वही काम मिलेगा।

तभी ट्रेन आती है और श्याम अपना बैग उठाता है उसके बाद अपने दोस्त से गले मिलने के बाद ट्रेन में बैठ जाता है ट्रेन से कुछ दूर सफर करने के बाद उसे एक लड़की पर नजर पड़ती है जो बहुत ही खुबशुरत थी लेकिन ओ किसी करण से उदास दिख रही थी और ट्रेन में सब लोग उसे ही देख रहे थे क्योंकि ओ अच्छे परिवार से लग रही थी उसका पहनना और चेहरा ही बता रहा था कि ओ किसी रहीश खानदान से है सभी लोग उसे ही देख रहे थे.. तभी कुछ दूर और ट्रेन चलने के बाद लड़की धीरे-धीरे ट्रेन का गेट पे जाने लगती है और सभी को लगता है कि ओ अगला स्टेशन पे उतरेगी लेकिन ओ लड़की स्टेशन आने से पहले ही ट्रेन पर से कुद जाती है। तभी ट्रेन में बैठे हुए लोग जोर जोर से चिलाने लग जाते है कि लड़की कुद गई ..तभी श्याम कुछ नहीं सोचता समझता है सबसे पहले ट्रेन की जंजीर खिचता है और ओ भी ट्रेन धीरे होने पे कुद जाता है और भागती हुई लड़की के पास पहुंच जाता है और जब लड़की को देखता है लड़की पूरा खून से लठ पथ थी और बेहोश थी .

श्याम लड़की को अपने कंधे पर उठा कर बिना कुछ सोचे समझे हॉस्पिटल के लिए निकल जाता है और धीरे-धीरे लड़की की हालत और खराब होती जा रही थी तभी कुछ दूर रोड पे पेडल चलने के बाद उपयोग एक गाड़ी मिलती और उसी से ओ हॉस्पिटल जाती है .
हॉस्पिटल पहुंचन के बाद डॉक्टर टूरंट इलाज के लिए लग जाता है और पैसा जमा करने के लिए कहा जाता है लेकिन श्याम के पास उतना पैसा नहीं था कि ओ लड़की का इलाज करा सके.

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