दुखभरी प्रेम कहानी

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में रहने वाला लड़का नाम कुणाल था। उसके गाँव में ही एक नयी पड़ोसन आई थी, जिसका नाम सीमा था। कुणाल को सीमा की बेहद ही प्यारी मुस्कान और मीठे बोलों में खिंचाव महसूस होता था। वह हर दिन सीमा के घर के सामने उसकी प्रतीक्षा में खड़ा हो जाता था, बस सीमा को एक बार मुस्कराते हुए देखने के लिए।
कुणाल ने धीरे-धीरे सीमा के प्रति अपना प्यार छिपाने की कोशिश की, पर सीमा उसके प्रति वही खामोश और असाह्य रही। वह दिन-रात सीमा की चिंता में उलझा रहता और उसके बिना जीने की सोचता था।
एक दिन, कुणाल ने अपने दिल की बात सीमा को बताने का फैसला किया। उसने वीरता जुटाई और अपने जज्बातों को बयां करते हुए सीमा के पास जाकर कहा, “सीमा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। तुम्हें खोने का डर है, पर मैं अपनी भावनाओं को छुपा नहीं सकता।”
सीमा ने उसकी बातों को गंभीरता से सुना और उसे एक गहरी नजर से देखा। फिर उसने कुणाल की ओर मुस्कुराते हुए देखा और कहा, “कुणाल, मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ। मैं भी तुम्हें खोने का डर रहता है, पर हमें अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हुए उस संघर्ष का सामना करना होगा।”
उनके प्यार भरे शब्दों ने उनके बीच का रिश्ता मजबूत कर दिया। दोनों ने साथ में हर मुश्किल का सामना किया और एक-दूसरे के साथ हमेशा ख़ुश रहने का फैसला किया। उनकी प्रेम कहानी सदैव गाँव के लोगों की जुबानों पर रही, उनका प्यार उन्हें हमेशा प्रेरित करता रहा।

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