प्यार का दीवाना

यह कहानी एक युवा लड़के की है, जो अपने स्कूली दिनों की यादों की बारिश में खो गया है। रिया, एक सामान्य लड़की, उसके जीवन में चमक डाल देती है। उसके खुले मन और मित्रों के साथी रहने की यादें, उसे अपने स्कूल के दिनों की मिठास को पुनः जीने का आवाज देती है।
वह एक साधारण लड़की थी, लेकिन उसमें कुछ अद्भुत आकर्षण था, जो उसे सबसे अलग बनाता था। लेकिन इस लड़के के लिए, रिया सिर्फ एक मित्र नहीं थी, वह उसकी पहली प्रेम कहानी का हिस्सा थी।
उसके स्कूल के दिनों में, वह हमेशा पढ़ाई में ध्यान देता और रिया के साथ समय बिताने के लिए उत्साहित रहता। उनके बीच के संबंध एक अद्वितीय मिश्रण थे – उम्र के मध्य में नवीनतम रोमांटिक भावनाओं का संगम।
लेकिन जैसे ही उनकी मैट्रिक की परीक्षा पूरी हो गई, रिया की यादें उनके जीवन से धीरे-धीरे उड़ गईं। रिया के अभाव में, उनके जीवन की रौशनी कम हो गई और उन्होंने एक नये अध्याय का स्वागत किया।
फिर भी,रिया की यादें उन्हें नहीं छोड़ीं। उनके पास सिर्फ उसके लिखे खत और उनकी एक छवि थी, जो स्कूल के दिनों की मिट्टी को जिए रखती थी। वह कभी-कभी सोचता था कि क्या वह फिर से रिया को देखेगा, लेकिन जीवन अब उन्हें अपनी दिशा में आगे बढ़ने के लिए मजबूर कर दिया था।
इस कहानी में, एक युवक के जीवन की एक अद्वितीय चर्चा है, जिसमें प्रेम, यादें और अद्भुत लम्हों का संगम है। रिया के बिना, उनका जीवन अधूरा है, लेकिन उसकी यादों ने उन्हें उनके अगले पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
जब मैं रिया की यादों में खोया जा रहा था, डायरी के पन्नों को पलटता जा रहा था, तो दरवाजे पर दस्तक की आवाज सुनकर मैं चौंक गया। जब मैंने नजरें उठाई, तो सामने काजल खड़ी थी। मुझे अचानक हड़बड़ाते हुए, मैंने कहा, “हाल क्या है? क्या बात है?”
काजल मेरी मनस्थिति को भांपकर मुस्कुराई और कहा, “क्या मैं अंदर आ सकती हूँ?”
“हाँ, बिल्कुल, आइए न, बैठिए,” मैंने झेंपते हुए कहा।
“क्या मैंने आपको बाधित किया? क्या आप कुछ लिख रहे थे?” काजल ने डायरी की ओर देखा।
“हां, बस कुछ नोट्स थे,” मैंने कहा, डायरी को छिपाते हुए।
“वाह, क्या मैं देख सकती हूँ?” उसकी आँखों में चमक आ गई।
“मुझे माफ़ कीजिए, लेकिन यह बहुत व्यक्तिगत है,” मैंने कहा।
“क्या हम इतने अजनबी हैं?” उसने चिढ़ाते हुए कहा।
“नहीं, यह बस थोड़ी व्यक्तिगत बातें हैं,” मैंने कहा, मुस्कान को छिपाते हुए।
“ठीक है, यह छोड़िए। लेकिन कभी-कभी मैं यह पढ़ लूंगी,” उसने कहा, गुस्से में नहीं, लेकिन उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी। उसने मुझे तेजी से देखा और कहा, “चलिए, अब हमें बुलाया जा रहा है।”
मैं बैठक में भाई-भाभी के साथ खेलने के लिए था। अंतिम-अंतिम अक्षरी का खेल चल रहा था। मेरा मन कहीं और था, लेकिन मैं इनकार कैसे करता? तो मैंने खेलने की कोशिश की। काजल पूरे खेल के दौरान, अपने गीतों से मुझे छेड़ने का प्रयास करती रही।
काजल मेरी भाभी की छोटी बहन थी, उसकी गहरी नीली झील सी आंखें और खूबसूरती की चमक हर किसी को मोह लेती थी। उसके काले, घने, चमकदार बाल उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ाते थे। उसका चेहरा हमेशा खिल खिलाता था, जैसे एक चंचल हिरनी की तरह। उसकी स्वभाव से हर कोई प्रभावित हो जाता था, और सभी उसे बहुत पसंद करते थे।
जब उसे घर छोड़ने का समय आया, मुझे बड़ी खुशी हुई, लेकिन एक अंतर्निहित उत्सुकता भी थी कि क्या मैं उसे अपनी भावनाओं का अभिव्यक्ति कर पाऊंगा।
रास्ते में, काजल ने मुझे बार-बार छेड़ने का प्रयास किया, पर मैं उसके इस खेलने की खोज में नहीं आया। उसने फिल्म के गाने गुनगुनाया और बातों में मुझे उकसाने की कोशिश की, पर मैंने उसे ध्यान नहीं दिया।
जब हम शहर की भीड़ से बाहर निकले, मैंने महसूस किया कि जैसे हम ‘नदिया के पार’ फिल्म की कहानी का हिस्सा बन गए हैं। सड़क के किनारे पेड़, लहलहाती फसलें और पहाड़ियों की श्रृंखला नजर आ रही थी। यह सब दृश्य मेरे मन को शांति और सुकून दे रहे थे।
वह शाम बहुत ही सुंदर थी। धरती पर गिरी शांति का आभास था, जैसे प्रकृति भी मेरे मन की सुनी हुई थी। मैंने महसूस किया कि यह समय है अपनी भावनाओं को बयां करने का। मेरे दिल में बड़ा ही संयमित उत्साह था, जैसे कि उस समय कोई संगीत संवेदना को चुनौती देता है।
काजल की आवाज़ और मेरी सोचने की बातों ने मुझे फिर से गंभीर बना दिया। वहां खड़े होकर मैंने निर्णय लिया कि मैं रिया के बारे में सच को बयां करूंगा। लेकिन जैसे ही मैंने मुंह खोला, मेरे दिल का धड़कना तेज हो गया। बहुत समय तक लड़ते हुए, मैंने अपनी आत्मसंयम को विजयी बनाया और कहा, “काजल , मुझे आपसे कुछ कहना है।”
“हाँ?” काजल ने ठीक से सुना नहीं।
मैंने अपनी मोटरसाइकिल की स्पीड कम करके फिर से बोला, “मुझे आपसे कुछ कहना है।”
“क्या कुछ सीरियस है?” काजल ने मुझसे मजाक में कहा, जैसे कि वह मेरे भावनाओं को समझती है।
मैंने धीरे से कहा, “मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मैं एक लड़की से प्यार करता हूं। उसका नाम रिया है। हम दोनों बहुत प्यार करते हैं, और मैं उससे शादी करना चाहता हूं।”
“क्या आप मजाक कर रहे हैं?” काजल को मेरे बोलने पर यकीन नहीं हुआ।
“नहीं, यह सच है।” मैंने गंभीरता से कहा, “मैंने यह बात बहुत पहले सभी को बताने का फैसला किया था, पर कभी हिम्मत नहीं की। अब मैं खुद को संभालने के लिए तैयार हूं।”
“शशिजी, आप सचमुच बहुत बहादुर हैं,” काजल ने मुझे गंभीरता से देखा, “आपने अपने भावनाओं को बयां करने का साहस दिखाया है। मुझे आप पर गर्व है कि आपने अपनी प्रेम की बात कही।”
मेरी छाया में, उसके शब्दों में एक प्रकार की आत्मसमर्पण था। लगा कि उसने मेरे दिल की बातों को समझा है और मेरी साथी बनने के लिए तैयार है।
“उसके साथ जुड़े मेरे भावनात्मक बोझ जो केवल उसके साथ ही था, वह धीरे-धीरे कम होता गया। काजल को घर छोड़कर लौटते समय, मेरे मन में हल्कापन था, लेकिन कुछ ऐसा था भी जो मुझे चिंतित कर रहा था। उसके आंसुओं का दर्द, विदाई के पल में, मेरे अंदर गहरा रिश्ता बना रहा था।
रात के खाने के बाद, मैं जल्दी ही बिस्तर पर लेट गया, क्योंकि मुझे सुबह जल्दी उठकर रिया के पास जाना था। लेकिन मेरी नींद तक आने में कुछ न कुछ देरी थी। अपने मन के भीतर उतार-चढ़ाव के साथ, मैंने रात भर बेताबियों से लड़ते रहा।
सुबह की आवाज़ और चिड़ियों की चहचहाहट ने मेरी नींद को तोड़ दिया। जब मैं उठा, मैंने खिड़की से आ रही प्रारंभिक सूर्यकिरणों को देखा। लगा कि मुझे देर से सो गया है, क्योंकि अक्सर मां जल्दी उठने के लिए आती थीं। मैंने अपने चेहरे पर पानी छिड़का और कुल्ला किया, और अपने कमरे से निकला।
मेज पर अखबार पड़ा हुआ था, और मैं वहाँ जैसा हमेशा करता था, हेडलाइन्स पढ़ रहा था। तभी मेरी नजर एक खबर पर पड़ी – ‘थाना परिसर में प्रेमी-प्रेमिका परिणयसूत्र में बंधे।’ मेरा दिल कुछ अलग तरह से धड़क गया, ‘नहीं, ऐसा कैसे हो सकता है?’ मैंने सोचा।
खबर में कुछ अजीब नहीं था, लेकिन तस्वीर में जो दिखाई दी, उसने मुझे हिला दिया। वह रिया थी। खबर में उसके घर का पता स्पष्ट रूप से दिया गया था, और वहाँ उसका प्रेमी भी था। दोनों अपने परिवारों के विरोध के बावजूद, वे एक-दूसरे के साथ थाने पर पहुंचे थे।”
मेरे दिल को भाभी की बेचैनी और काजल के दर्द ने चोट पहुंचाई। मैंने अपने आप से सोचा कि शायद इसमें कुछ तो सचाई हो। मेरे मन में रिया की ओर से मेरे प्रति विश्वास की कमी की घड़ी थी, लेकिन मैंने अपने विश्वास को बनाए रखने की कोशिश की।
जैसे ही भाभी चली गईं, मैंने काजल के पास बैठकर उसका हाथ पकड़ा। “तुम ठीक होगी,” मैंने उसे आश्वस्त किया। “मैं यहाँ हूँ, तुम्हें हमेशा साथ देने के लिए।”
काजल ने मुझसे आंधी तरह कसकर गले लग गई। उसके गर्म आंसू मेरी उदासी को और भी गहरा बना दिया। हम एक-दूसरे के साथ चुपचाप बैठे रहे, जिसे भाभी की विद्रोहित एकांतता भरी रिहाइश के माहौल में बदल दिया।
मैंने तस्वीर को फिर से ध्यान से देखा, लेकिन इस बार उसे खिड़की से बाहर नहीं फेंका। उसे देख कर मेरे मन में फिर से प्यार के अहसास उभर आया, लेकिन साथ ही एक तरह की चिंता भी थी। क्या वाकई रिया ने मेरे प्रति धोखा किया था? या फिर कुछ और कारण थे जिन्होंने उसे मुझसे दूर कर दिया था?
काजल के दर्द से मेरा दर्द भी कुछ कम हुआ, क्योंकि उसका साथ देना मेरे अपने दुख को भी कम कर रहा था। मैंने उसे बातचीत में लिया, उसकी बातों को सुना और उसे अपने साथी के रूप में महसूस कराया।
जब हम बातचीत करते करते अंत में रात हो गई, मेरा दिल थोड़ा हल्का महसूस कर रहा था। सुनयना के साथ उसकी मुश्किलें साझा करने से मेरा दुख भी कम हुआ था। लेकिन रिया के साथ किए गए वादों की स्मृति अब भी मेरे दिल को बेचैन कर रही थी।
मैंने दिल से सोचा कि मुझे रिया से बात करनी होगी, उससे सच्चाई पूछनी होगी। मुझे उससे मिलकर उसकी बात सुननी होगी, और फिर मैं अपना निर्णय लूंगा कि क्या करना है।
यह सोचते हुए मैंने अपनी आंखें बंद की, और धीरे-धीरे सो गया। शायद अगले दिन की सुबह कुछ अधिक रोशनी लाए।
कमरे में सिर्फ हम दोनों थे। काजल जैसे शून्य में कुछ तलाश रही थी। उसे देख कर मेरी आंखों में भी आंसू आ गए। अचानक महसूस हुआ कि यदि अब भी मैंने सामने स्थित जलाशय को ठुकरा कर मृगमरीचिका के पीछे भागने का प्रयास किया तो शायद अंत में पछतावे के सिवा मेरे हाथ कुछ नहीं लगेगा। मैंने बिना देर किए काजल के पास जा कर, याचना भरे स्वर में कहा, ‘‘काजलजी, मैंने आप से जो कहा था, वह मेरा भ्रम था। मैंने बचपन के खेल को प्यार समझ लिया था। मुझे आज ही पता चला कि उस लड़की ने एक दूसरे लड़के से प्रेम विवाह कर लिया है। मैं नादानी में आप से पता नहीं क्या क्या कह गया…‘’
काजल अपनी डबडबाई आंखों से अब भी शून्य में निहार रही थी। कुछ देर रुक कर, मैं फिर कहा, ‘‘कुदरत जिंदगी में सब को सच्चा हमदर्द देती है पर अकसर हम उसे ठुकरा देते हैं। मैंने भी शायद, ऐसा ही किया है। लड़कपन से अब तक ख्वाबों के पीछे भागता रहा,’’ मेरा गला भर आया था।
काजल मुझे टुकुरटुकुर देख रही थी। उसकी आंखों से टपकते आंसू उसके गालों पर लुढ़क रहे थे। मुझे पहली बार उसकी आंखों में अपने लिए प्यार नजर आ रहा था।
मैंने किसी छोटे बच्चे की तरह भावुक हो कर कहा, ‘‘देखो, मुझे मत ठुकराना, वरना मैं जी नहीं पाऊंगा,’’और हाथ बढ़ाकर उसके गालों को छू रहे आंसुओं को पोंछने लगा।
काजल के होंठ कुछ कहने के प्रयास में थरथरा उठे। पर जब वह कुछ बोल न पाई तो अचानक मुझसे लिपट कर जोरजोर से सुबकने लगी। मैंने भी उसे कस कर अपनी बांहों में भर लिया। हम दोनों की आंखों से आंसू बह रहे थे। मैं सोच रहा था, ‘मुझे अब तक क्यों पता नहीं चला कि हमेशा चंचल, बेफिक्र और नादान सी दिखने वाली इस लड़की के दिल में मेरे लिए इतना प्यार छिपा था।’

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