यह कहानी एक गाँव के एक युवा लड़के के बारे में है, जिसका नाम रामु है। रामु का सपना था कि वह अपने गाँव की गरीबी को दूर करें और लोगों को सशक्त बनाने का माध्यम बनें।
गाँव में शिक्षा की कमी थी और बच्चे ज्यादातर कृषि के कामों में ही लगे रहते थे। रामु ने यह समस्या देखकर तय किया कि वह इसे हल करेंगे।
रामु ने एक दिन गाँव के लोगों को एक बड़े मंच पर बुलाया और उनसे शिक्षा के महत्व पर बातचीत की। उन्होंने शिक्षा के महत्व को बताया और बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की।
लेकिन उसकी आवाज़ को कोई ध्यान नहीं दिया। लोग समझे कि शिक्षा का कोई महत्व नहीं है और उन्हें गाँव के कामों में ही लगना चाहिए।
रामु ने हार नहीं मानी। वहने लड़ने का सिर्फ एक तरीका देखा – स्वयं ही एक स्कूल खोलना।
वहने स्कूल खोला और मुफ्त शिक्षा का प्रणाली शुरू किया। उसने गाँव के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का संकल्प लिया और उन्हें समझाया कि शिक्षा का महत्व क्या है।
धीरे-धीरे, गाँव के लोग रामु के विश्वास को समझने लगे और उनके स्कूल में अपने बच्चों को भेजने लगे। रामु का सपना अब हकीकत में बदलने लगा था।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, यदि हमारा संकल्प और विश्वास मजबूत हो, तो हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं। रामु ने अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए साहस और विश्वास का आदान-प्रदान किया और अपने समाज को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।