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AI किसने बनाया?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी क्रांतिकारी तकनीक है, जिसने आज के समय में हर क्षेत्र में अपना प्रभाव डाला है। लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि AI को बनाने का श्रेय किसी एक व्यक्ति या संस्था को नहीं दिया जा सकता। यह कई दशकों के वैज्ञानिक प्रयासों, शोध और तकनीकी विकास का परिणाम है। इसे बनाने में कई महान वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का योगदान रहा है, जिन्होंने इस तकनीक को आकार दिया।


AI के विकास की शुरुआत

AI का विचार 20वीं सदी के मध्य में उभरा। यह वह समय था, जब वैज्ञानिक यह सोचने लगे थे कि क्या मशीनें भी इंसानों की तरह सोच सकती हैं।

  1. एलन ट्यूरिंग (Alan Turing):
    एलन ट्यूरिंग को AI का जनक कहा जाता है। 1950 में उन्होंने एक पेपर लिखा, जिसमें उन्होंने “ट्यूरिंग टेस्ट” का विचार दिया। यह टेस्ट यह निर्धारित करता है कि क्या कोई मशीन इंसानों की तरह सोचने और बातचीत करने में सक्षम है। एलन ट्यूरिंग ने सवाल उठाया, “क्या मशीन सोच सकती है?” और इस सवाल ने AI के विकास की नींव रखी।
  2. जॉन मैकार्थी (John McCarthy):
    1956 में जॉन मैकार्थी ने “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द गढ़ा। उन्होंने इसे एक अलग विज्ञान के रूप में स्थापित किया। उन्होंने डार्टमाउथ सम्मेलन का आयोजन किया, जिसे AI के विकास का प्रारंभिक बिंदु माना जाता है। उन्होंने LISP नामक प्रोग्रामिंग भाषा भी बनाई, जो AI प्रोग्रामिंग के लिए व्यापक रूप से उपयोग की जाती है।
  3. एलन न्यूवेल और हर्बर्ट साइमन (Allen Newell & Herbert Simon):
    इन वैज्ञानिकों ने पहला AI प्रोग्राम “लॉजिक थ्योरिस्ट” बनाया, जो गणितीय प्रमेय (Theorems) को हल कर सकता था। इसे “पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन” भी कहा जाता है।
  4. मार्विन मिंस्की (Marvin Minsky):
    मिंस्की ने AI के शुरुआती विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने MIT में AI लैब की स्थापना की, जो AI अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र बना।

AI का ऐतिहासिक विकास

1940-1950 का दशक:

यह वह समय था, जब AI के शुरुआती विचार सामने आए। एलन ट्यूरिंग और अन्य वैज्ञानिकों ने यह तर्क दिया कि मशीनें गणितीय नियमों के आधार पर इंसानी सोच को अनुकरण कर सकती हैं।

1956 (डार्टमाउथ सम्मेलन):

AI को एक अलग विज्ञान के रूप में मान्यता मिली। इस सम्मेलन ने AI के विकास में क्रांतिकारी भूमिका निभाई।

1970-1980 का दशक (AI विंटर):

इस समय AI अनुसंधान में एक ठहराव आ गया क्योंकि उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं। फंडिंग कम हो गई और प्रगति धीमी हो गई।

1990 का दशक:

इस समय कंप्यूटर की क्षमता बढ़ी और AI में नई ऊर्जा का संचार हुआ। मशीन लर्निंग (Machine Learning) और न्यूरल नेटवर्क (Neural Networks) के क्षेत्र में नई खोजें हुईं।

2010 और आगे:

AI ने नए आयाम छुए। डीप लर्निंग (Deep Learning), बिग डेटा, और क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ AI का उपयोग बढ़ा। आज AI हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।


आधुनिक AI में प्रमुख योगदानकर्ता

1. जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton):

आधुनिक AI, विशेष रूप से डीप लर्निंग के क्षेत्र में, जेफ्री हिंटन का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने न्यूरल नेटवर्क को विकसित किया, जो आज के AI सिस्टम का आधार है।

2. ओपनएआई (OpenAI):

ओपनएआई ने AI को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। GPT मॉडल (जिसका हिस्सा मैं हूँ) और DALL-E जैसे AI सिस्टम का निर्माण किया, जो टेक्स्ट और इमेज जनरेशन में विशेषज्ञ हैं।

3. गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind):

गूगल की DeepMind टीम ने AlphaGo और AlphaZero जैसे AI सिस्टम बनाए, जिन्होंने गेमिंग और अन्य क्षेत्रों में क्रांति ला दी।

4. बड़ी कंपनियां:

IBM, माइक्रोसॉफ्ट, और अमेज़न जैसी कंपनियों ने AI अनुसंधान और विकास में भारी निवेश किया है। IBM का “वॉटसन” सिस्टम और माइक्रोसॉफ्ट का “एज्योर AI” इसके उदाहरण हैं।


AI का उपयोग और महत्व

आज AI का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जा रहा है:

  • स्वास्थ्य: रोगों का निदान और इलाज।
  • शिक्षा: पर्सनलाइज्ड लर्निंग अनुभव।
  • मनोरंजन: नेटफ्लिक्स और यूट्यूब जैसी सेवाओं में सिफारिशें।
  • ट्रांसपोर्टेशन: सेल्फ-ड्राइविंग कारें।
  • वाणिज्य: चैटबॉट्स और ग्राहक सेवा।

निष्कर्ष

AI किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि कई वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के सामूहिक प्रयासों से विकसित हुआ है। एलन ट्यूरिंग से लेकर आधुनिक वैज्ञानिकों तक, हर किसी का योगदान इस तकनीक को संभव बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। AI ने हमारी दुनिया को बदल दिया है और यह भविष्य में और भी बड़े बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

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